
भारत का सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र इस समय गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। IT सेक्टर में नौकरियों की संख्या में 10 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले तीन वर्षों का सबसे निम्न स्तर है। विशेष रूप से Legacy Technology के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों में यह स्थिति और भी गंभीर है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और अमेरिकी बाजार में बढ़े हुए टैरिफ इस मंदी के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारतीय IT कंपनियों को अपने सबसे बड़े बाजार अमेरिका से आने वाले ऑर्डर्स में कमी का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी कंपनियां अपने IT बजट में कटौती कर रही हैं, जिसका सीधा प्रभाव भारतीय आउटसोर्सिंग कंपनियों पर पड़ रहा है। परंपरागत IT सेवाओं की मांग में आई इस कमी के कारण हजारों IT प्रोफेशनल्स को नौकरी की तलाश करनी पड़ रही है।
Legacy Technology का मतलब उन पुराने कंप्यूटर सिस्टम और सॉफ्टवेयर से है जो दशकों से इस्तेमाल हो रहे हैं। इन सिस्टम्स की maintenance और support के लिए विशेष स्किल्स की जरूरत होती है, लेकिन अब कंपनियां इन्हें नई तकनीकों से बदलने पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। COBOL, Mainframe, और पुराने ERP सिस्टम्स जैसी तकनीकों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
मुंबई स्थित एक प्रमुख रिक्रूटमेंट फर्म के डायरेक्टर बताते हैं कि Legacy Technology में काम करने वाले candidates के लिए job opportunities 40 प्रतिशत तक कम हो गई हैं। कंपनियां अब Cloud Computing, Digital Transformation, और Modern Application Development में ज्यादा निवेश कर रही हैं। इसके कारण traditional IT roles की demand में भारी गिरावट आई है।
हालांकि, इस मंदी के बीच भी कुछ technology sectors में अच्छी growth देखी जा रही है। Artificial Intelligence (AI), Machine Learning, Cybersecurity, और Data Analytics के क्षेत्रों में अभी भी अच्छी hiring हो रही है। इन emerging technologies में skilled professionals की मांग बढ़ रही है, और कंपनियां इन क्षेत्रों में अपनी टीमों को मजबूत बनाने पर focus कर रही हैं।
Cybersecurity का क्षेत्र विशेष रूप से तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ते cyber attacks और data breaches के कारण companies अपनी security को मजबूत बनाने पर जोर दे रही हैं। Ethical Hacking, Security Analysis, और Incident Response जैसी भूमिकाओं में नई नौकरियां खुल रही हैं। इस क्षेत्र में काम करने वाले professionals को competitive salaries भी मिल रही हैं।
Global economic uncertainties के कारण multinational companies अपने operational costs को कम करने पर focus कर रही हैं। यूरोप और अमेरिका में recession के डर से कई बड़ी कंपनियों ने अपने IT budgets में कटौती की है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव भारतीय IT services companies पर पड़ा है, जो इन markets से अपनी revenue का बड़ा हिस्सा कमाती हैं।
Bangalore, Hyderabad, और Pune जैसे IT hubs में job seekers की संख्या बढ़ी है। Local recruitment agencies की रिपोर्ट्स के अनुसार, experienced professionals भी entry-level positions के लिए apply कर रहे हैं। Mid-level और senior-level positions में competition काफी बढ़ गई है, जिससे salary negotiations में candidates को compromise करना पड़ रहा है।
Startups भी इस मंदी से अछूते नहीं हैं। Funding की कमी के कारण कई startups ने अपनी hiring plans को postpone कर दिया है। जो companies पहले aggressively hiring कर रही थीं, वे अब cautious approach अपना रही हैं। Early-stage startups के लिए experienced professionals को hire करना अधिक challenging हो गया है।
Educational institutions और training centers अब अपने curriculum को market demands के अनुसार बदलने पर काम कर रहे हैं। Traditional programming languages की बजाय Python, JavaScript, और Cloud technologies पर ज्यादा focus किया जा रहा है। Professional certification courses की demand भी बढ़ी है, क्योंकि working professionals अपनी skills को upgrade करने की कोशिश कर रहे हैं।
Government initiatives जैसे Digital India और Make in India भी IT sector को support करने की दिशा में काम कर रही हैं। लेकिन इनका immediate impact job market पर दिखना अभी बाकी है। Experts का मानना है कि domestic market की growth से कुछ हद तक इस मंदी को कम किया जा सकता है।
Freelancing और gig economy में भी changes देखे जा रहे हैं। कई experienced professionals अब independent consultants के रूप में काम करने पर विचार कर रहे हैं। Remote work की बढ़ती trend के कारण geographical boundaries कम important हो गई हैं, लेकिन competition global level पर बढ़ गई है।
Industry analysts का prediction है कि यह slowdown temporary है और अगले 6-8 महीनों में situation improve हो सकती है। नई technologies का adoption बढ़ने से fresh job opportunities create होंगी। लेकिन professionals को अपनी skills को continuously update करना होगा।
Companies भी अपनी hiring strategies को बदल रही हैं। अब technical skills के साथ-साथ adaptability और learning agility को भी priority दी जा रही है। Multi-skilled professionals की demand बढ़ रही है, जो different technologies में काम कर सकें।
निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि भारतीय IT सेक्टर की नौकरियों में आई यह गिरावट एक गंभीर चुनौती है, लेकिन साथ ही यह transformation का भी दौर है। Legacy Technology से modern technologies की तरफ यह shift long-term में sector के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। IT professionals को इस changing landscape के अनुसार अपनी skills को upgrade करने की जरूरत है।