
विवेक रंजन अग्निहोत्री की विवादास्पद फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ 5 सितंबर 2025 को पूरे देश में रिलीज़ हुई, लेकिन पश्चिम बंगाल में सिनेमाघरों के मालिकों ने इसे दिखाने से मना कर दिया। राष्ट्रीय मल्टिप्लेक्स चेन और राज्य के सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ के डर से फिल्म को कोई शो नहीं दिया। फिल्म ने रिलीज़ के पहले दिन देशभर में ₹1.75 करोड़ की कमाई की है।
फिल्म का विषय 1946 में कलकत्ता में हुए डायरेक्ट एक्शन डे की घटनाओं पर आधारित है, जब हजारों हिंदुओं की हत्या हुई थी। निर्देशक अग्निहोत्री ने इस ऐतिहासिक घटना को सिनेमा के माध्यम से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया है। फिल्म में उस समय की सामुदायिक हिंसा और राजनीतिक षड्यंत्र को दिखाया गया है, जिसके कारण यह विवाद में आ गई है।
पश्चिम बंगाल में फिल्म की रिलीज़ को लेकर समस्या कुछ सप्ताह पहले से ही शुरू हो गई थी। कलकत्ता में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान कुछ तत्वों ने कार्यक्रम में बाधा डाली थी। इसके बाद से ही राज्य के सिनेमाघर मालिक फिल्म दिखाने को लेकर चिंतित हो गए। मल्टिप्लेक्स चेन के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से बताया कि वे अपनी संपत्ति की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
राज्य की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए सिनेमाघरों ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला दिया है। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा संभावित विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ के डर से कोई भी सिनेमाघर इस जोखिम को उठाने को तैयार नहीं है। यह स्थिति फिल्म इंडस्ट्री में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की थी कि वे राज्य में फिल्म की रिलीज़ की अनुमति दें। अग्निहोत्री ने कहा था कि यह फिल्म इतिहास की सच्चाई को दिखाती है और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है।
मामले को और आगे बढ़ाते हुए फिल्म की निर्माता और अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने और पश्चिम बंगाल में फिल्म की रिलीज़ सुनिश्चित करने की अपील की है। पल्लवी जोशी ने अपने पत्र में कहा है कि यह संवैधानिक अधिकारों का हनन है और लोकतंत्र में यह स्वीकार्य नहीं है।
बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों को देखें तो फिल्म ने रिलीज़ के पहले दिन अच्छी शुरुआत की है। देश के अन्य राज्यों में दर्शकों ने फिल्म को सराहा है और यह ₹1.75 करोड़ की कमाई करने में सफल रही है। दूसरे दिन की कमाई के आंकड़े अभी भी आने बाकी हैं, लेकिन ट्रेंड देखकर लगता है कि फिल्म की कमाई में स्थिरता बनी रहेगी।
1946 का डायरेक्ट एक्शन डे भारतीय इतिहास की एक दुखदायी घटना है जिसे कलकत्ता दंगे के नाम से भी जाना जाता है। 16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग के आह्वान पर शुरू हुई इस घटना में हजारों निर्दोष लोगों की जान गई थी। इतिहासकारों के अनुसार इस घटना ने भारत विभाजन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। फिल्म इसी संवेदनशील विषय को आधार बनाकर बनाई गई है।
अग्निहोत्री की पिछली फिल्में ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरला स्टोरी’ भी विवादों में रही हैं। दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था और समाज में व्यापक चर्चा का विषय बनी थीं। निर्देशक का कहना है कि वे केवल इतिहास की सच्चाई को सामने लाने का काम कर रहे हैं।
फिल्म इंडस्ट्री के कई व्यक्तित्वों ने इस घटना पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि राजनीतिक दबाव के कारण फिल्मों की रिलीज़ रोकना सिनेमा की आजादी के लिए खतरनाक है। कई फिल्म निर्माताओं ने इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाने की बात कही है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से ‘यू/ए’ सर्टिफिकेट मिलने के बावजूद फिल्म को पश्चिम बंगाल में रिलीज़ नहीं हो पा रही है। यह स्थिति संघीय ढांचे और राज्य सरकारों की भूमिका को लेकर सवाल खड़े करती है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिल गई है तो किसी भी राज्य सरकार का इसे रोकना उचित नहीं है।
सामाजिक मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से चर्चा में आया है। लोग #JusticeForBengalFiles और #FreedomOfExpression जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करके अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोग फिल्म के समर्थन में तो कुछ इसके विरोध में आवाज उठा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो ‘द बंगाल फाइल्स’ ने अपनी रिलीज़ के पहले दिन से ही दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। पश्चिम बंगाल में प्रतिबंध के बावजूद फिल्म की चर्चा देशभर में हो रही है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद कैसे सुलझता है।