काशी विश्वनाथ मंदिर की धार्मिक परिषद ने इस वर्ष दीवाली की आधिकारिक तिथि तय कर दी है। इसलिए, 20 अक्टूबर 2025 को दीपावली का मुख्य दिन मनाया जाएगा। इसके साथ ही देशभर के मंदिरों को त्योहार की तैयारी की स्पष्ट दिशा मिल गई है।
काशी परिषद का महत्वपूर्ण निर्णय
वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ धाम की पंडित परिषद ने शुक्रवार को बैठक आयोजित की। फिर, मुख्य ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश शर्मा ने अमावस्या की तिथि की गणना की। परिणामस्वरूप, 20 अक्टूबर का दिन सबसे उपयुक्त पाया गया।
इस तारीख पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:15 से रात 8:27 तक रहेगा। इसके अलावा, पूरे भारत में यह तिथि एक समान रूप से मान्य होगी।
धार्मिक विशेषज्ञों की सहमति
धार्मिक विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष दीवाली की तिथि में कोई विवाद नहीं है। कार्तिक मास की अमावस्या 20 अक्टूबर को पड़ रही है। इसलिए, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के प्रमुख मंदिरों ने इस तारीख की पुष्टि की है।
हालांकि, काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य विष्णु नारायण ने बताया कि तैयारियां पहले से शुरू हो गई हैं। फिर भी, मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने का निर्देश दिया है।
खगोलीय स्थिति की विशेषता
भारतीय खगोल विज्ञान संस्थान के अनुसार इस वर्ष की दीवाली खास होगी। इसका कारण यह है कि चंद्रमा और सूर्य की स्थिति अत्यंत शुभ है। डॉ. सुधांशु गुप्ता ने बताया कि 20 अक्टूबर की रात चंद्रमा पूर्णतः अदृश्य रहेगा।
परिणामस्वरूप, इस दिन रात का अंधकार दीपों की रोशनी से पूरी तरह मित जाएगा। इसके अलावा, यह स्थिति दीपावली के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
पांच दिवसीय त्योहार का कार्यक्रम
पारंपरिक रूप से दीवाली पांच दिनों तक मनाई जाती है। इसलिए, इस वर्ष का कार्यक्रम इस प्रकार है:
18 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। फिर, 19 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी का दिन होगा। इसके बाद, 20 अक्टूबर को मुख्य दीवाली आएगी। इसके अलावा, 21 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। अंत में, 22 अक्टूबर को भाई दूज मनाया जाएगा।
व्यापारिक समुदाय की तैयारी
व्यापारिक समुदाय के लिए यह जानकारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। क्योंकि मारवाड़ी और गुजराती समुदाय के व्यापारी इस दिन अपने व्यवसाय की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही वे लक्ष्मी गणेश की पूजा भी करते हैं।
इसलिए, दिल्ली के चांदनी चौक और मुंबई के झावेरी बाजार में व्यापारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। फिर भी, इस वर्ष कोविड गाइडलाइन का भी पालन करना होगा।
सरकारी अवकाश की घोषणा
सरकारी कैलेंडर में भी 20 अक्टूबर को दीवाली के रूप में अवकाश घोषित किया गया है। परिणामस्वरूप, केंद्रीय कर्मचारी संघ ने पुष्टि की है कि इस दिन सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में भी इस दिन छुट्टी रहेगी।
पर्यावरण संरक्षण के दिशा-निर्देश
पर्यावरण की दृष्टि से इस वर्ष दीवाली के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसलिए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटाखों के इस्तेमाल पर नियंत्रण की सलाह दी है। इसके साथ ही दीया-मोमबत्ती के उपयोग को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।
हालांकि, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में वायु प्रदूषण को देखते हुए समयबद्ध पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। फिर भी, नागरिकों से अपील की गई है कि वे पर्यावरण का ध्यान रखें।
धार्मिक पर्यटन की व्यवस्थाएं
धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और हरिद्वार में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का अनुमान है कि इस दीवाली पर लगभग 50 लाख श्रद्धालु आएंगे। परिणामस्वरूप, रेलवे और एयरलाइंस ने अतिरिक्त सेवाओं की घोषणा की है।
इस प्रकार काशी परिषद के इस निर्णय से धार्मिक स्पष्टता आई है। इसके साथ ही व्यापारिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए भी स्पष्ट दिशा मिली है। अंततः, 20 अक्टूबर 2025 की दीवाली देशभर में एकसाथ मनाई जाएगी।