
आंध्र प्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति छात्रावासों के 55 मेधावी छात्रों ने देश के प्रतिष्ठित IIT, NIT और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाकर एक नई मिसाल कायम की है। राज्य सरकार की विशेष कोचिंग योजना के तहत तैयार किए गए इन छात्रों ने न केवल अपने सपनों को साकार किया है, बल्कि दलित और आदिवासी समुदाय के लिए गर्व का क्षण भी रचा है। JEE और NEET की तैयारी कराए गए कुल 356 छात्रों में से 272 ने सफलता हासिल की है, जो इस योजना की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
राज्य के SC/ST छात्रावासों में संचालित विशेष कोचिंग कार्यक्रम के तहत JEE मेन्स और एडवांस्ड की तैयारी कराने वाले 176 छात्रों में से 129 ने परीक्षा में सफलता पाई है। इसी तरह NEET की तैयारी के लिए चयनित 180 छात्रों में से 143 ने अपनी मेहनत का फल पाया है। यह सफलता दर लगभग 76 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर मानी जा रही है।
इन सफल छात्रों में से 55 ने देश के टॉप इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला पाया है। IIT और NIT में प्रवेश पाने वाले छात्रों की संख्या इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा और उचित संसाधन मिलने पर SC/ST समुदाय के छात्र भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले छात्र भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार ने SC/ST छात्रों के शैक्षणिक उत्थान के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाई है। इस योजना के तहत राज्य भर के छात्रावासों में विशेष कोचिंग की व्यवस्था की गई है, जहाँ अनुभवी शिक्षकों द्वारा JEE और NEET की तैयारी कराई जाती है। छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने के लिए काउंसलिंग और मोटिवेशनल सेशन भी आयोजित किए जाते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में आंध्र प्रदेश में SC/ST छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों में लगातार सुधार देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें छात्रावासों का आधुनिकीकरण, डिजिटल क्लासरूम की स्थापना, और विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति शामिल है। इन प्रयासों का परिणाम अब दिखाई दे रहा है।
छात्रावास प्रबंधन समिति के अधिकारियों का कहना है कि इस सफलता के पीछे न केवल छात्रों की मेहनत है, बल्कि एक संपूर्ण सहायता प्रणाली का योगदान है। छात्रों को नियमित अभ्यास, मॉक टेस्ट, और व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। साथ ही उनके पोषण और स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखा जाता है ताकि वे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे सकें।
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में इन छात्रों की सफलता का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। IIT और NIT में प्रवेश पाने वाले ये छात्र न केवल अपने परिवारों का गौरव बढ़ा रहे हैं, बल्कि अपने समुदाय के अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन रहे हैं। उनकी सफलता की कहानियाँ अन्य SC/ST छात्रों को भी इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में भी इन छात्रों की उपलब्धि महत्वपूर्ण है। NEET में सफल होकर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला पाने वाले छात्र भविष्य में डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करेंगे। खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जहाँ चिकित्सा सुविधाओं की कमी है, वहाँ ये डॉक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर SC/ST छात्रों की उच्च शिक्षा में भागीदारी में वृद्धि हो रही है। आंध्र प्रदेश का यह प्रदर्शन इस सकारात्मक बदलाव में एक महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य की इस पहल को अन्य राज्य भी अपना रहे हैं।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि SC/ST छात्रों की यह सफलता दिखाती है कि जब सरकारी नीतियों का सही क्रियान्वयन होता है और छात्रों को उचित संसाधन मिलते हैं, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। इस सफलता से न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक समरसता में भी सुधार देखने को मिल रहा है।
अभिभावकों और समुदायिक नेताओं की प्रतिक्रिया भी अत्यंत उत्साहजनक रही है। उनका कहना है कि यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता है बल्कि पूरे समुदाय की प्रगति का प्रतीक है। इससे अन्य परिवारों में भी अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
आने वाले समय में आंध्र प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम का और भी विस्तार करने की योजना बना रही है। अधिक छात्रावासों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाएगी। इससे SC/ST छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के और भी अवसर खुलेंगे।
यह सफलता भारत की शिक्षा नीति में समावेशिता के महत्व को रेखांकित करती है। जब सभी वर्गों के छात्रों को समान अवसर मिलते हैं और उचित सहायता प्रदान की जाती है, तो देश की प्रतिभा का संपूर्ण उपयोग हो सकता है। आंध्र प्रदेश के इन 55 छात्रों की सफलता इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सही दिशा में किए गए प्रयास कैसे समाज के सबसे वंचित वर्गों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचा सकते हैं।