शतरंज प्रेमियों के लिए खुशखबरी है कि गोवा में शतरंज विश्व कप 2025 का आयोजन होगा। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 23 साल बाद भारत में वापस लौट रहा है। इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में दुनियाभर के शीर्ष खिलाड़ी हिस्सा लेंगे और भारत की समृद्ध शतरंज परंपरा को नई पहचान मिलेगी। यह घोषणा उस समय आई है जब भारत अंतर्राष्ट्रीय शतरंज में अपनी मजबूत स्थिति बनाता जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि गोवा की खूबसूरत तटीय राज्य में यह विशाल प्रतियोगिता आयोजित होगी। शतरंज विश्व कप एक प्रमुख टूर्नामेंट है जो हर दो साल में होता है और इसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 128 खिलाड़ी भाग लेते हैं। भारत में पिछली बार यह टूर्नामेंट 2002 में हैदराबाद में आयोजित हुआ था।
गोवा सरकार ने इस अवसर पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, टूर्नामेंट के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। गोवा के होटल उद्योग और पर्यटन क्षेत्र भी इस आयोजन से काफी लाभान्वित होंगे।
भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की बढ़ती लोकप्रियता इस निर्णय के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक है। विश्वनाथन आनंद के बाद भारत ने डी गुकेश, आर प्रगनानंधा, अर्जुन एरिगैसी और निहाल सरीन जैसे युवा प्रतिभाओं को जन्म दिया है। हाल ही में डी गुकेश ने विश्व चैंपियन बनकर भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इन उपलब्धियों ने भारत को शतरंज की दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया है।
टूर्नामेंट के आर्थिक प्रभाव को देखते हुए, स्थानीय व्यापारी और उद्योगपति भी इस आयोजन का स्वागत कर रहे हैं। गोवा में पर्यटन उद्योग को इससे काफी फायदा होने की उम्मीद है। अनुमान लगाया जा रहा है कि टूर्नामेंट के दौरान हजारों शतरंज प्रेमी और पर्यटक गोवा पहुंचेंगे। इससे होटल, रेस्तरां और परिवहन सेवाओं में तेजी आएगी।
भारतीय खेल मंत्रालय ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार शतरंज के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन से भारत में शतरंज की लोकप्रियता और बढ़ेगी। युवाओं में इस खेल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि यह भारतीय शतरंज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि संगठन टूर्नामेंट की सफलता के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर रहा है। खिलाड़ियों के लिए बेहतर अभ्यास सुविधाएं और आवास की व्यवस्था की जा रही है।
टूर्नामेंट की तारीखों की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अपेक्षा है कि यह 2025 के मध्य या अंत में आयोजित होगा। FIDE के नियमों के अनुसार, इस टूर्नामेंट का विजेता विश्व चैंपियनशिप चक्र में स्थान पाने का हकदार होता है। यह बात इस प्रतियोगिता के महत्व को और भी बढ़ा देती है।
गोवा में खेल के बुनियादी ढांचे का विकास भी इस निर्णय को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है। राज्य में आधुनिक कन्वेंशन सेंटर और होटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, गोवा की भौगोलिक स्थिति भी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक है। डाबोलिम हवाई अड्डा सीधे कई अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों से जुड़ा हुआ है।
भारत में शतरंज की बढ़ती लोकप्रियता का एक और उदाहरण चेस ओलंपियाड 2022 का सफल आयोजन है, जो तमिलनाडु के महाबलिपुरम में हुआ था। उस प्रतियोगिता में भारतीय टीमों का प्रदर्शन शानदार था। पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीता था जबकि महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी। यह सफलता भारत की मेजबानी क्षमता को प्रदर्शित करती है।
शतरंज कोचिंग और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश भर में शतरंज अकादमियां खुल रही हैं और युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। तकनीक का उपयोग करते हुए ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन प्रयासों का परिणाम यह है कि भारतीय खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार सफलता पा रहे हैं।
कॉर्पोरेट जगत भी शतरंज के विकास में योगदान दे रहा है। कई बड़ी कंपनियां प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रायोजन प्रदान कर रही हैं। इससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भाग लेने की सुविधा मिल रही है। यह सहयोग भारतीय शतरंज के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख रहा है।
अंततः शतरंज विश्व कप 2025 का गोवा में आयोजन भारत के लिए गर्व की बात है। यह टूर्नामेंट न केवल भारतीय शतरंज की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है बल्कि दुनिया को दिखाता है कि भारत खेल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 23 साल के अंतराल के बाद इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की वापसी निश्चित रूप से भारतीय शतरंज के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखी जाएगी।