दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: पैन-इंडिया आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, 5 आतंकवादी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पैन-इंडिया आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों…

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पैन-इंडिया आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों में अश्हर दानिश, सुफियान अबुबकर खान, आफताब अंसारी, हुज़ैफा यमन और कमरान कुरैशी शामिल हैं। सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया है, जहां उनकी तस्वीरें सामने आई हैं।

यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कई महीनों की निगरानी और जांच के बाद इस आतंकी नेटवर्क को पकड़ा है। अधिकारियों के मुताबिक, यह मॉड्यूल देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों की योजना बना रहा था। इस ऑपरेशन में कई राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग लिया गया है।

स्पेशल सेल के अधिकारियों ने बताया कि इन आतंकवादियों के पास से खतरनाक हथियार, विस्फोटक सामग्री और संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। प्राथमिक जांच से पता चला है कि ये लोग विदेशी आतंकी संगठनों के संपर्क में थे और भारत में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे। इनका नेटवर्क केवल दिल्ली तक सीमित नहीं था, बल्कि देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी इनके सहयोगी मौजूद थे।

अश्हर दानिश को इस आतंकी मॉड्यूल का मुख्य संचालक माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, वह विदेशी आतंकी संगठनों से संपर्क बनाए रखने और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की जिम्मेदारी संभाल रहा था। सुफियान अबुबकर खान पर आतंकी संगठन के लिए फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराने का आरोप है। आफताब अंसारी का काम नए लोगों की भर्ती करना और उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करना था।

हुज़ैफा यमन और कमरान कुरैशी को टेक्निकल एक्सपर्ट माना जा रहा है, जो विस्फोटक बनाने और साइबर आतंकवाद में शामिल थे। इन दोनों पर आरोप है कि ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके आतंकी संदेश फैलाने और नए सदस्यों को भर्ती करने का काम कर रहे थे। उनके पास से मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है।

पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया। कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। आरोपियों के चेहरे कवर किए गए थे, लेकिन मीडिया कर्मियों ने उनकी तस्वीरें खींचने में सफलता पाई। सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और अगली सुनवाई तय की गई है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस सफल ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि स्पेशल सेल की यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस आतंकवाद के खिलाफ लगातार सतर्क रहेगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस कार्रवाई की प्रशंसा की है।

इस गिरफ्तारी के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेट्रो स्टेशनों पर भी चेकिंग बढ़ाई गई है और यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरफ्तारी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी जीत है। आतंकी संगठन अक्सर युवाओं को बहकाकर अपने नेटवर्क में शामिल करते हैं और उन्हें गलत राह पर ले जाते हैं। इस मामले में भी कुछ आरोपी अपेक्षाकृत कम उम्र के हैं, जो चिंता का विषय है।

अतीत में भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कई महत्वपूर्ण आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। 2008 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट केस, 2005 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट और कई अन्य आतंकी साजिशों को नाकाम करने में स्पेशल सेल की भूमिका रही है। इकाई के पास अत्याधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित अधिकारी हैं जो आतंकवाद से निपटने में माहिर हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस आतंकी मॉड्यूल की जांच में कई राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग लिया गया है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक की पुलिस ने भी इस ऑपरेशन में मदद की है। यह बताता है कि आतंकी नेटवर्क कितना व्यापक था और कैसे ये लोग विभिन्न राज्यों में सक्रिय थे।

इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कई महीनों तक इन संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी की थी। उनकी फोन कॉल्स, इंटरनेट एक्टिविटी और मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी। तकनीकी निगरानी और मानवीय खुफिया जानकारी के संयोजन से इस आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने में सफलता मिली है।

आतंकवाद विशेषज्ञों का कहना है कि आजकल आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। वे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग करते हैं और अपनी पहचान छुपाने के लिए फेक आईडेंटिटी का सहारा लेते हैं। इसलिए इन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण काम है।

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि भारत में आतंकवादी संगठन लगातार सक्रिय हैं और देश की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और प्रभावी कार्रवाई से इन्हें नाकाम किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की इस सफल कार्रवाई से आम जनता में विश्वास बढ़ेगा और आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि उनकी किसी भी गलत गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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