भारत में रोजगार की रिकॉर्ड वृद्धि: EPFO ने जून 2025 में जोड़े 21.89 लाख नए फॉर्मल जॉब्स

भारत के औपचारिक रोजगार क्षेत्र में जून 2025 एक ऐतिहासिक महीना साबित हुआ है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस महीने 21.89 लाख नए सदस्यों का शुद्ध जोड़ दर्ज…

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भारत के औपचारिक रोजगार क्षेत्र में जून 2025 एक ऐतिहासिक महीना साबित हुआ है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस महीने 21.89 लाख नए सदस्यों का शुद्ध जोड़ दर्ज किया, जो अप्रैल 2018 में पेरोल डेटा ट्रैकिंग शुरू होने के बाद से सबसे अधिक है। यह आंकड़ा जून 2024 की तुलना में 13.46% की वृद्धि दर्शाता है और मई 2025 के मुकाबले 9.14% की बढ़ोतरी को प्रदर्शित करता है।

इस रिकॉर्ड वृद्धि के साथ EPFO ने जून 2025 में लगभग 10.62 लाख नए ग्राहकों का नामांकन किया। यह संख्या मई 2025 की तुलना में 12.68% अधिक है और पिछले वर्ष जून 2024 से 3.61% की वृद्धि को दर्शाती है। रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और EPFO के सफल आउटरीच कार्यक्रमों को इस वृद्धि का मुख्य कारण माना जा रहा है।

आयु वर्ग के आधार पर विश्लेषण करें तो 18-25 वर्ष के युवाओं का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा है। इस आयु समूह में 6.39 लाख नए ग्राहक जुड़े, जो कुल नए सदस्यों का 60.22% हिस्सा है। युवा वर्ग में यह नामांकन मई 2025 की तुलना में 14.08% की वृद्धि दिखाता है। इस आंकड़े से स्पष्ट होता है कि भारत का युवा वर्ग तेजी से औपचारिक रोजगार क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है।

राज्यवार वितरण में महाराष्ट्र ने अग्रणी भूमिका निभाई है। राज्य ने कुल शुद्ध पेरोल जोड़ में 20.03% का योगदान दिया है। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना का स्थान आता है। इन शीर्ष पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मिलकर कुल नए रोजगार का 61.51% हिस्सा जोड़ा है।

महिला कर्मचारियों की भागीदारी भी उत्साहजनक रही है। जून 2025 में 4.72 लाख महिलाओं का शुद्ध पेरोल जोड़ा गया, जो पिछले महीने की तुलना में 11.11% की वृद्धि है। नई महिला ग्राहकों की संख्या 3.02 लाख रही, जो मई 2025 से 14.92% अधिक है। यह आंकड़ा भारतीय कार्यक्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है और लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

उद्योग के आधार पर देखें तो ‘एक्सपर्ट सर्विसेज’ क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। इस सेक्टर ने कुल शुद्ध सदस्यता का लगभग 42.14% योगदान दिया है। मैनपावर सप्लायर कंपनियों का इसमें विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने एक्सपर्ट सर्विसेज सेगमेंट के 51.31% हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। सिक्यूरिटी सर्विसेज, मिसलेनियस एक्टिविटीज और कॉन्ट्रैक्टर सेवाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

पुनः शामिल होने वाले सदस्यों का आंकड़ा भी प्रभावशाली रहा है। लगभग 16.93 लाख व्यक्ति सेवा में अंतराल के बाद EPFO में वापस शामिल हुए हैं। यह संख्या मई 2025 से 5.09% अधिक है और जून 2024 की तुलना में 19.65% की महत्वपूर्ण वृद्धि दिखाती है। इन सदस्यों ने अपनी पुरानी PF राशि को निकालने के बजाय ट्रांसफर करने का विकल्प चुना, जो वित्तीय सूझबूझ और दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा के प्रति बेहतर रुझान को दर्शाता है।

ऐतिहासिक संदर्भ में देखा जाए तो यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों में EPFO का डेटा दिखाता है कि भारत में औपचारिक रोजगार का क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2025 में कुल औपचारिक रोजगार सृजन पिछले दो वर्षों में कुछ कमी देखी गई है, लेकिन जून 2025 का यह रिकॉर्ड भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशावादी माहौल बनाता है।

भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का भी इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) जैसी पहलों ने रोजगार सृजन में गति प्रदान की है। यह योजना अक्टूबर 2020 में शुरू की गई थी और पैंडेमिक के दौरान खोए गए रोजगार को बहाली के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने का काम करती है। मार्च 2024 तक इस योजना के तहत 1,52,000 प्रतिष्ठानों में 60.5 लाख लाभार्थियों को 10,188.50 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।

तकनीकी प्रगति और डिजिटलीकरण भी इस वृद्धि के पीछे एक कारक है। EPFO की बेहतर आउटरीच गतिविधियों और जागरूकता कार्यक्रमों ने अधिक से अधिक नियोक्ताओं और कर्मचारियों को औपचारिक रोजगार क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया है। ऑनलाइन सेवाओं और सुविधाजनक प्रक्रियाओं ने नामांकन में आसानी प्रदान की है।

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत में रोजगार सृजन की यह मजबूत गति अर्थव्यवस्था की आंतरिक शक्ति को प्रदर्शित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेवा क्षेत्र में वृद्धि, विनिर्माण गतिविधियों में तेजी और स्टार्टअप इकोसिस्टम का विस्तार इस सकारात्मक रुझान के मुख्य कारण हैं।

भविष्य की दृष्टि से देखा जाए तो यह आंकड़ा भारत के युवा जनसांख्यिकीय लाभ को भुनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बड़ी संख्या में युवाओं का औपचारिक रोजगार में शामिल होना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधारता है बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार और बेहतर कार्य परिस्थितियों का निर्माण इस प्रक्रिया को और भी मजबूत बनाने में सहायक होगा।

EPFO के इस रिकॉर्ड प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि भारत में औपचारिक रोजगार का भविष्य उज्ज्वल है। निरंतर नीतिगत सुधार, तकनीकी प्रगति और बेहतर कारोबारी माहौल के साथ यह वृद्धि दर और भी तेज हो सकती है। जून 2025 का यह आंकड़ा न केवल एक महीने की उपलब्धि है बल्कि भारत के रोजगार परिदृश्य में एक नया मील का पत्थर भी है।

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