
राजगीर में चल रहे हॉकी एशिया कप के सुपर 4 राउंड में भारतीय हॉकी टीम और दक्षिण कोरिया के बीच खेले गए मुकाबले में 2-2 की रोमांचक बराबरी देखने को मिली। हार्दिक सिंह ने भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई थी, लेकिन मनदीप सिंह के चौथे क्वार्टर में किए गए शानदार गोल से टीम इंडिया ने मैच में वापसी की। इस ड्रॉ के बाद भारतीय टीम को अब बाकी बचे मैचों में चीन, मलेशिया और दक्षिण कोरिया के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
मैच की शुरुआत में भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रामक रणनीति अपनाई और शुरुआती दबाव बनाने में सफल रहे। हार्दिक सिंह का शानदार गोल भारत को 1-0 की बढ़त दिलाने में कामयाब रहा, जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा। पहले हाफ में भारतीय टीम ने मिडफील्ड में अच्छा नियंत्रण रखा और कई बार कोरियाई गोल के करीब पहुंचने में सफल रही। कोरियाई टीम की रक्षात्मक रणनीति के बावजूद भारतीय फॉरवर्ड लाइन लगातार दबाव बनाती रही।
दूसरे हाफ में कोरियाई टीम ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और आक्रामक खेल की शुरुआत की। उनके तेज काउंटर अटैक से भारतीय रक्षा पंक्ति पर दबाव बढ़ा और इसी का फायदा उठाते हुए कोरिया ने बराबरी का गोल दागा। मैच के अंतिम चरण में दोनों टीमों ने जीत के लिए जोरदार कोशिश की, लेकिन मजबूत रक्षा के कारण कोई भी टीम निर्णायक गोल नहीं कर सकी।
चौथे क्वार्टर में मनदीप सिंह का गोल भारतीय टीम के लिए एक राहत की सांस साबित हुआ। पेनल्टी कॉर्नर के दौरान उनके सटीक शॉट ने भारत को 2-2 की बराबरी दिलाई। इस गोल के बाद भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह दोगुना हो गया और उन्होंने विजयी गोल के लिए कड़ी मेहनत की। अंतिम मिनटों में दोनों टीमों के बीच तीव्र संघर्ष देखने को मिला, लेकिन स्कोर 2-2 पर ही रह गया।
सुपर 4 राउंड की स्थिति को देखते हुए भारतीय टीम के लिए आने वाले मैच अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं। चीन, मलेशिया और दक्षिण कोरिया के खिलाफ बचे हुए मुकाबलों में भारत को कम से कम दो जीत की आवश्यकता होगी। वर्तमान में टूर्नामेंट की स्थिति काफी रोमांचक है और किसी भी टीम का फाइनल में पहुंचना आसान नहीं है। भारतीय टीम को अपने गोल स्कोरिंग में सुधार करना होगा और रक्षात्मक गलतियों को कम करना होगा।
कप्तान हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय टीम ने इस मैच में संयम और धैर्य का परिचय दिया। मिडफील्ड में विवेक सागर प्रसाद और अमित रोहिदास का योगदान सराहनीय रहा। गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कई महत्वपूर्ण सेव करके टीम को बड़े स्कोर से हारने से बचाया। पेनल्टी कॉर्नर की स्थिति में भारतीय टीम का प्रदर्शन पहले से बेहतर नजर आया, जो आने वाले मैचों के लिए सकारात्मक संकेत है।
दक्षिण कोरियाई टीम ने इस मैच में अनुभवी खेल का प्रदर्शन किया और भारतीय आक्रमण को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रही। उनकी रक्षात्मक संरचना मजबूत थी और काउंटर अटैक में वे खासे प्रभावी नजर आए। कोरियाई कप्तान के नेतृत्व में टीम ने अनुशासित हॉकी खेली और महत्वपूर्ण क्षणों में सही निर्णय लिए। इस ड्रॉ से कोरिया की भी सुपर 4 राउंड में स्थिति मजबूत हो गई है।
राजगीर के हॉकी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को उच्च गुणवत्ता का हॉकी मैच देखने को मिला। मैच के दौरान दोनों टीमों के समर्थकों का उत्साह देखते ही बनता था। भारतीय प्रशंसकों ने अपनी टीम का जोरदार समर्थन किया और हर गोल पर जमकर जश्न मनाया। एशिया कप के इतिहास में यह मैच एक यादगार मुकाबला माना जाएगा, जहां दोनों टीमों ने उत्कृष्ट हॉकी का प्रदर्शन किया।
भारतीय हॉकी के इतिहास में एशिया कप हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और ओलंपिक में भी पदक जीते हैं। इस टूर्नामेंट का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि यह एशियाई देशों के बीच सबसे प्रतिष्ठित हॉकी प्रतियोगिता है। भारत इस कप को कई बार जीत चुका है और इस बार भी उम्मीदवार टीमों में से एक माना जा रहा है।
कोचिंग स्टाफ के अनुसार टीम का मनोबल इस ड्रॉ के बाद भी बना हुआ है। मुख्य कोच ने मैच के बाद कहा कि खिलाड़ियों ने अच्छी लड़ाई दिखाई और आने वाले मैचों के लिए सकारात्मक संकेत मिले हैं। पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्जन रेट में सुधार और गोल स्कोरिंग अवसरों का बेहतर उपयोग मुख्य फोकस क्षेत्र होंगे। रक्षात्मक संरचना में थोड़े बदलाव की भी संभावना है।
आगामी मैचों की तैयारी के लिए भारतीय टीम अब पूरी तरह से फोकस करेगी। फिटनेस लेवल बनाए रखना और रणनीतिक प्लानिंग में बेहतरी मुख्य प्राथमिकताएं होंगी। सुपर 4 राउंड में हर मैच फाइनल की तरह है और भारतीय टीम को इस दबाव को सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा। प्रशंसकों की उम्मीदें अभी भी बनी हुई हैं और टीम इंडिया इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कृतसंकल्प है।