हिटमैन का धमाका! रोहित ने ऑस्ट्रेलिया में रचा इतिहास

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में शानदार शतकीय पारी खेलकर टीम इंडिया को 9 विकेट से शानदार…

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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में शानदार शतकीय पारी खेलकर टीम इंडिया को 9 विकेट से शानदार जीत दिलाई. हिटमैन ने 105 गेंदों में 11 चौके और 2 छक्के की मदद से अपना 33वां वनडे शतक पूरा किया और विराट कोहली (74 नॉट आउट) के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 168 रनों की अविजित साझेदारी कर भारत को 237 रन के लक्ष्य को 38.3 ओवर में ही हासिल करवा दिया. इस जीत के साथ रोहित ने कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड भी अपने नाम किए और आलोचकों के मुंह बंद कर दिए.​

सिडनी के मैदान पर आज का दिन रोहित शर्मा के नाम रहा, जिन्होंने वनडे कप्तानी से हटाए जाने के बाद अपनी पहली शतकीय पारी खेली. 38 साल की उम्र में भी रोहित का जलवा बरकरार है और उन्होंने साबित कर दिया कि वो अभी भी भारतीय क्रिकेट के अहम हिस्से हैं. मैच की शुरुआत से ही रोहित ने अपने इरादे साफ कर दिए थे और अच्छी गेंदों का सम्मान करते हुए मौका मिलते ही बड़े शॉट लगाने से नहीं चूके. उनकी इस पारी के दौरान कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वो गेंदें बर्बाद कर रहे हैं बल्कि हर गेंद पर सोच-समझकर खेले.​

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला ऑस्ट्रेलिया के लिए महंगा साबित हुआ, क्योंकि भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें सिर्फ 236 रन पर ऑलआउट कर दिया. 46.4 ओवर में समेटी गई कंगारू टीम के सामने 237 रन का लक्ष्य रखा था, जो भारतीय बल्लेबाजों के लिए आसान साबित हुआ. भारत की पारी की शुरुआत रोहित शर्मा और कप्तान शुभमन गिल ने की, जिन्होंने पहले विकेट के लिए 69 रनों की साझेदारी की. हालांकि गिल 26 गेंदों में 2 चौके और 1 छक्का लगाकर 24 रन बनाने के बाद हेजलवुड की गेंद पर आउट हो गए.​

गिल के आउट होने के बाद क्रीज पर आए विराट कोहली ने रोहित के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा दीं. दोनों दिग्गज बल्लेबाजों के बीच दूसरे विकेट के लिए 168 रनों की अविजित साझेदारी हुई, जिसमें कोहली ने 56 गेंदों में 4 चौकों की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया. रो-को की इस जोड़ी ने सिडनी के मैदान पर एक बार फिर अपना जादू बिखेरा और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बेबस कर दिया.​

रोहित शर्मा के इस शतक के साथ कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जुड़े हुए हैं, जिनमें सबसे खास यह है कि वो अब ऑस्ट्रेलिया में वनडे में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले विदेशी बल्लेबाज बन गए हैं. उन्होंने इस मामले में विराट कोहली और कुमार संगकारा को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 5-5 वनडे शतक लगाए हैं. रोहित का यह ऑस्ट्रेलिया में 33 पारियों में छठा शतक है, जबकि कोहली के 32 पारियों में 5 शतक और संगकारा के 49 पारियों में 5 शतक हैं.​

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों को मिलाकर यह रोहित शर्मा का 50वां शतक है, जिससे वो सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बाद यह मुकाम हासिल करने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. वनडे में उनके नाम अब 33 शतक हैं, टेस्ट में 12 शतक और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 5 शतक हैं. रोहित दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 5 या अधिक शतक लगाए हैं.​

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह रोहित शर्मा का नौवां शतक है और इसके साथ उन्होंने इस टीम के खिलाफ सर्वाधिक शतक लगाने के मामले में सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर ली है. यह उपलब्धि रोहित के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, क्योंकि सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी करना किसी भी बल्लेबाज के लिए गर्व की बात है.​

इस मैच में रोहित की पारी की खासियत यह रही कि उन्होंने पहले अपना 63 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया और फिर शानदार खेल जारी रखते हुए 105 गेंदों पर शतक लगाया. उनकी इस पारी में 11 चौके और 2 छक्के शामिल थे, जिससे साफ पता चलता है कि वो कितनी सधी हुई बल्लेबाजी कर रहे थे. रोहित ने अपनी इस शतकीय पारी के दौरान एक भी गेंद बर्बाद नहीं की और हर शॉट को सोच-समझकर लगाया.​

पर्थ में पहले मैच में नाकाम रहने और एडिलेड में अर्धशतक लगाने के बाद सिडनी में रोहित का यह शतक उनके आलोचकों के लिए करारा जवाब था. वनडे कप्तानी से हटाए जाने के बाद यह उनकी पहली शतकीय पारी थी, जिससे साबित हुआ कि वो अभी भी टीम के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. मुख्य कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ता अजीत अगरकर के लिए भी यह एक संदेश था कि रोहित अभी भी टीम का अहम हिस्सा हैं.​

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड रोहित शर्मा के लिए हमेशा से ही खुशकिस्मत रहा है और आज भी इस मैदान ने उनका साथ दिया. यहां उन्होंने दूसरी बार शतक लगाने का कमाल किया और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को परेशान कर दिया. रोहित की इस पारी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि उन्होंने शुरुआत से ही आक्रामक रवैया अपनाया और मौका मिलते ही बाउंड्री लगाने से नहीं चूके.​

भारत के लिए यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण थी क्योंकि टीम ने 9 विकेट से जीतकर अपना दबदबा दिखाया. 237 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने सिर्फ 38.3 ओवर में एक विकेट गंवाकर मैच जीत लिया, जो उनकी बल्लेबाजी की मजबूती को दर्शाता है. रोहित और कोहली की साझेदारी ने मैच को एकतरफा बना दिया और ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने कोई जवाब नहीं था.​

रोहित शर्मा की यह पारी न केवल टीम की जीत के लिए अहम थी बल्कि उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि 38 साल की उम्र में भी उनका जुनून और खेल की भूख बरकरार है. संन्यास की अटकलों के बीच रोहित ने इस शतक के साथ अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया और दिखा दिया कि वो 2027 के विश्व कप तक टीम का हिस्सा बन सकते हैं. प्रशंसक अब उम्मीद कर रहे हैं कि रोहित 2027 के विश्व कप में भारत की अगुवाई करेंगे.​​

इस मैच के बाद रोहित शर्मा को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे थे, वो सब शांत हो गए हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि अभी भी उनमें बड़ी पारी खेलने का दम है और टीम के लिए मैच जिताने की क्षमता है. ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत में जो संन्यास की चर्चाएं हो रही थीं, रोहित ने अपने बल्ले से उन सभी को गलत साबित कर दिया है.​​

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